गीत नहीं गाता हूँ, गीत नहीं गाता हूँ
बेनकाब चेहरे हैं दाग बड़े गहरे हैं
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ
गीत नहीं गाता हूँ, गीत नहीं गाता हूँ
लगी कुछ ऐसी नज़र, बिखरा शीशे का शहर,
अपनों के मेले में, मीत नहीं पता हूँ ,
पीठ में छूरी सा चाँद, राहु गया रेखा फान्द,
मुक्ति के शानो में, बंध जाता हूँ,
गीत नहीं गाता हूँ, गीत नहीं गाता हूँ (II)
गीत नया गाता हूँ, गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात, कोयल की कुहुक रात
प्राची में, अरुणिमा की रेत देख पाता हूँ
गीत नया गाता हूँ, गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए सपने की सुने कौन, सिसकी
अंतर को चीर व्यथा, पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा
काल के कपाल पर, लिखता-मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ, गीत नया गाता हूँ