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Oct 3, 2010

Dr. Kumar Vishwas' s New Poem for Indians Living Abroad

हर एक कोने हर एक पाने में तेरी याद आती है
नमक आखों में घुल जाने में तेरी याद आती है
तेरी अमृत भरी लहरों क्या मालूम गंगा माँ
समंदर पार विराने में तेरी याद आती है

कहीं खाली पड़े आलिन्द तेरी याद आती है
सुबह के ख्वाब के मानिंद तेरी यार आती है
hello hey hi सुनकर तोह नही आती मगर हमसे
कोई कहता है जब जय हिंद तेरी याद आती है

सुझाए माँ जो महूरत तोह तेरी याद आती है
हँसे गर बुध की मूरत तोह तेरी याद आती है
कहीं dollar के पीछे छिप गए भारत के नोटों पर
दिखे गाँधी कि जो मूरत तोह तेरी याद आती है

- कुमार विश्वास

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